देश भर के चार दर्जन से अधिक लोगों को अलग अलग क्षेत्रो में उत्कृष्ट कार्य के लिए डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया

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आईकोनिक पीस अवार्ड कौंसिल ने नई दिल्ली में एमर्जिंग अचीवर राष्ट्र स्तरीय अवार्ड का आयोजन किया । इसमें देश भर के चार दर्जन से अधिक लोगों को अलग अलग क्षेत्रो में उत्कृष्ट कार्य के लिए डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में लोकसभा के सदस्य नाभा कुमार सरानिया, श्री आचार्य येशी फुंटसोल, सिक्मि के विस सदस्य नरेंद्र कुमार सुब्बा व अवार्ड कौंसिल की चेयरमैन डा. प्रिया अरोडा मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रही।

कांस्सीचयूशन क्लब आफ इंडिया में आयोजित इस समारोह में हिमाचल प्रदेश के एक युवा समाज सेवी को भी डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया इस मौके पर बददी के युवा रणेश राणा को समाज सेवा के क्षेत्र में विभिन्न श्रेणियों में उनके लगभग तीन दशकों के लंबे योगदान के लिए डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया ।

इस संस्था ने हिमाचल प्रदेश के युवा पत्रकार एवं सोशल वर्कर राणा के जीवन पर लगभग एक साल तक शोध किया और देखा कि किस प्रकार उन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट व अतुलनीय कार्य करके अपना योगदान दिया और लोगों के जीवन में समाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन लाए ।

उन्होने स्वास्थ्य ,शिक्षा, चिकित्सा , रोजगार , आत्मनिर्भरता व महिला सशक्तिकरण में एतिहासिक एवं उत्कृष्ट कार्य किये । आईकानिक पीस अवार्ड कौंसिल संस्था ने इन कार्य का सत्यापन करने के बाद उनका चयन भारत के इस प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए किया और उनको डाक्टरेट की मानद उपाधिक से अलंकृत किया ।

रणेश राणा ने जहां साल 1996 में पत्रकारिता के क्षेत्र में उतर कर समाज के विभिन्न वर्गों की आवाज को उठाया वहीं कई प्रमुख समस्याओं का निष्पादन भी करवाया। हिमाचल के उद्यौगिक विकास व निवेश को जहां उन्होंने बेहतर तरीके से प्रसारित किया वहीं उद्योगों व श्रमिकों की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया ।

हिमाचल के बीबीएन में स्थापित हुए इन उद्योगों में बेरोजगारों को भी समायोजित करवाया। वर्ष 2017 में उन्होंने समाजिक संस्था हिमालय फाऊंडेशन का गठन किया और विभिन्न माध्यमों से समाज सेवा के कार्य आरंभ किए।

सर्वप्रथम उन्होंने एशिया के सबसे बड़े उद्योगिक क्षेत्र में जन सहयोग से पचास लाख रुपये की राशि से भव्य व बहुउदेश्य महाराणा प्रताप सामुदायिक केंद्र का निर्माण किया जिसका लाभ पूरे शहर को मिल रहा है ।

उसके बाद उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए सिलाई केंद्र आरंभ किया जिसमें दर्जनो महिलाएं आत्मनिर्भर बनी । रणेश राणा ने अपने साथियों के साथ मिलकर बददी के मोक्षधाम को भी भव्य रूप दिया।

इसके अलावा उन्होंने उद्योगों से तालमेल बनाकर पूरे प्रदेश के अलग अलग अलग जिलों के सैकड़ों लोगों को रोजगार दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। जरुरतमंद परिवारों की अनेक बालिकाओं की शिक्षा के साथ साथ विवाह में भी अहम योगदान दिया । रणेश राणा ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों को कैरियर काउंसलिंग को लेकर जागरूक किया और बच्चों को उद्योगो में कैसे रोजगार मिल सकता है इस बारे जागरूक किया ।

ऐसे अनेक दर्जनों कार्य है जो उन्होंने अपनी संस्था के माध्यम से अपने दोस्त- मित्रों के सहयोग से पूरे किए। दिल्ली में हुए एक भव्य समारोह में उनके जीवन के कार्य को मंच के माध्यम से दिखाया गया। भारत की राजधानी में हुए इस समारोह में मुख्य अतिथि के हाथों रणेश राणा ने को डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया ।

उन्होने इस अवार्ड को पूरे हिमाचल को समर्पित किया और कहा कि यह उनके गुरुजनों, सहयोगियों, दोस्त मित्रों व परिजनों की वजह से ही संभव हो पाया जिन्होने उसका मार्ग दर्शन किया।

समाज सेवा के क्षेत्र में सुश्री देवी प्रिया, विष्णु प्रसाद, डा सुभभ्राता धर, डा भीम सिंह राजपूत, बिजनस एडमिनिस्टे्रशन में सैमसन राज, डा शि प्रसाद बिहारी, डा सोनिया वर्मा, डा टी गुरु, बिजनेस मैनेजमेंट में शैक अली, रीता हजारिका, शांति सिंह, नीतू किरण, टी एन रिपेनजया, अंग्रेजी साहित्य में सीमा शर्मा, गणेश तेलेगांवकर, मनोज , इमाम शेख, जयालक्षमी, योगा एंव नेचुरीपैथी में प्रीति शर्मा, अमरुता तलवालकर, रजंज साहा, गलोबल पीस और हारमनी में सुभाष, राज्य लक्षमी, स्मिथा राजू, अरुण कुमार, पत्रकारिता एंव समाज सेवा में हिमाचल के रणेश राणा, रामास्वामी नायक, विश्वनाथा, शिक्षा के क्षेत्र में शशिधर, पलकीती, शीनान, जसवंत, बेनी प्रसाद, योगा एंव सोशल वर्क में उदय महाराज, के यू शाहजी, गुरप्रीत भटट, सामाजिक क्षेत्र में के एस शर्मा, मोहमद, जीतेंद्र कुमार, आबिद योनस और निताय चरण नंदा को अलग अलग क्षेत्रों में सम्मानित किया गया।